अस-सलामु अलायकुम/नमस्कार/सत श्री अकाल/ LOTS OF LOVE दोस्तों !
आज के इस व्यस्त ,आसमान छूती महंगाई और कड़ी प्रतिस्पर्धा में समय के साथ ख़ुद को बनाएं रखने वाले युग में तलाक़ और अलग रहने का जूनून एक भयावह रूप में विकसित हो रहा हैं | कल तक जो साथ कमाएंगे, साथ खाएंगे और अपनी और आने वाली संतान की मिल कर ख्वाहिशें पूरा करेंगे | अपनी भी ख्वाहिशें पूरी नहीं कर पा रहे हैं | अंततः अलग़ हो कर ख्वाहिशें पूरी करना चाहतें हैं | तलाक के बाद कुछ मुठ्ठी भर धन एक साथ मिलेगा | फ़िर हर महीने संतान की परवरिश के लिए कुछ राशि पति से मिल जाएगी | यह सोच कर एक शादी -शुदा स्त्री तलाक और अलग रहने का मन बना कर कोई छोटा व्वयसाय या नौकरी शुरू करेंगी अपने माँ के घर चली जाती हैं | कुछ पलो पश्चात वास्तिवक रूप से तलाक शुदा पिता मानसिक लाचार हो जाता हैं | वह कमाता हैं , अपनी संतान के लिए हर महीने पैसे भेजता हैं | उनसे मिलता हैं | वह तलाक शुदा स्त्री अपने किये पर मुस्कुराती रहती हैं | उसे अपने इस चंद लम्हों में मालामाल और हर महीने पैसा मिलने वाली सोच पर नाज़ होता हैं | यह तो कानून ने फैसला दिया होता हैं | अब कुदरत का फैसला शुरू होता हैं | धीरे -धीरे वह पुरुष टूटता चला जाता हैं | संतान से मिलने की ख्वाहिशे कम होने लगती हैं | इस मानसिक लाचार अवस्था में अधिकतर लोगों की नौकरी छूट जाती हैं | मैं किसके लिए कमा रहा हूँ ? मैं क्या कर रहा हूँ ? क्या वाक़ई में वह मेरी संतान हैं ? इन विचारों में दबता ही चला जाता हैं | बहुतों का व्वयसाय चौपट हो जाता हैं | अमूमन यह पाया गया हैं कई तलाक शुदा स्त्री को बाद में पैसा मिलना बंद हो जाता हैं |
समाज में कोई कुटिल विचारों वालों जो आपसे विद्वता, ओहदे और ज्ञान में छोटा होता हैं (वह आपके ससुराल पक्ष से या कोई अन्य भी हो सकता हैं ) और धीरे से आकर या फ़ोन पर एक दिन कहता हैं , यार तू क्या पढ़ा लिखा हैं ? तुझे इतनी अच्छी नौकरी और पद कैसी मिल गयी | लगता हैं वो लोग भी मुर्ख ही होंगे |जिसने तुझे नौकरी पर रखा हैं | तेरी पत्नी तो तुझसे संभली नहीं| तुम्हारी पत्नी सचमुच बहुत शातिर हैं (यही वाक्य आपकी पत्नी के साथ भी साझा किया गया है)। आपकी स्त्री अपनी इस कुटिल बुद्धिमत्ता पर मुस्कुराती हैं | तुझसे पैसा भी लेती हैं , ख़ुद भी कमाती हैं , तेरी संतान को भी पालती हैं और तेरी तरफ़ देखती भी नहीं हैं | न तेरी एक सुनती हैं तुझे ख़ुद को छूने भी नहीं देती | क्या वो तेरी संतान हैं भी या नहीं ? धीरे -धीरे वह तलाक शुदा पुरुष ख़ुद में ही घुटने लगता हैं | अँधेरी रातों के घुटन में वह अकेला धीरे -धीरे घुटता ही चल जाता हैं | कुछ भावुक पुरुष तो इस सदमे और तलाक कि क्रिया से पूर्व ही मानसिक लाचार हो जाते हैं या सदमे में आ जाते हैं | क्योकि वो जिस मुक़ाम पर अपनी कड़ी मेहनत और लगन से पहुंचे होते हैं | अपनी संतान के लिए भविष्य चुनते और बनाते हैं | वहां एक साधारण आदमी नहीं पंहुचा होता हैं | उन्हें वो सफ़लता एक ही झटके में समाप्त होती दिखतीं हैं |उनको फिर से अपनी जिंदगी को संतुलित करने में बहुत वक़्त लग जाता हैं | बहुत से अभागे माँ -पिता को तो इस सदमे से पीड़ित संतान को अपने मरते दम तक पालना पड़ जाता हैं | देखा जाये तो उनके माता -पिता भी सदमे में आ जाते हैं | जिन्हें कुछ मूर्ख लोग कानून से बचने का दाव-पेंच समझते हैं | आप अगर वास्तव में तलाक़ शुदा या अलग़ रहने वाले जोड़े को देखेंगे तो बहुतों के पति या पत्नी में से कोई मानसिक दबाव में आ जाते हैं |उनकी ख़ुद की निर्णय लेने की क्षमता धीरे -धीरे कम होने लगती हैं | कोई किसी तरह का जीवनयापन कर रहा होता हैं |किसी की संतान माँ के साथ होती हैं , तो कोई पिता के साथ होता हैं | बहुत कम लोग होते हैं जिनके दुबारा घर बसतें हैं या दूसरी शादी होती हैं |आप किस श्रेणी में हैं? ख़ुद तय करिये |
तलाक़ रुपी एक गरीब राक्षसी न सिर्फ़ एक पति -पत्नी को अलग करती हैं | जानें -अंजाने में ये आने वाली पीढ़ी पर भी लांक्षन लगा देती हैं |
ऐसे घरों में एक समझदार, कामयाब परिवार और खानदान शादी जैसे सबसे पवित्र बंधन को निभाने और अपनानें पर कई बार सोचता हैं | चंद पैसे , थोड़ी -सी आज़ादी, थोड़ी -सी मस्ती और थोड़े -से हवस के लिए एक पति -पत्नि का जोड़ा अपने और आने वाले बच्चों का भविष्य उजाड़ देता हैं | जितना हो सके इस गरीब राक्षसी को दिल और घर में प्रवेश न करने दे | हालात अगर बद से बद्तर हैं , तो फिर फ़ैसला आपका हैं |
पैसा कमाने का यह एक सबसे घिनौना और और सरल रास्ता हैं | जिसमे विश्व की सबसे उच्चत्तम जाति स्त्री जाति जिसे घर जोड़ने का दर्जा मिला हैं वो घर उजाड़ कर एक कामयाब पुरुष को नाकामयाब कर देती हैं |
इस महा कुकर्म में स्त्री के परिवार वाले और आस -पास के पड़ोस वाले इतने मदद करते हैं जो आपने कल्पना में भी सोचा नहीं होता |
जब एक घर को तोड़कर कई बन्दों का फ़ायदा हो रहा होता हैं तो आप कल्पना भी नहीं कर सकते कि एक स्त्री को कामयाब इंसान से तलाक दिलाने में उस स्त्री को उसके परिवार वाले और आस -पास के पड़ोस वाले कितनी मदद करते हैं |
मेरे यारों! तलाक़ और अलग रहने की स्थिति में आपकी जो सबसे बड़ी मानसिक यातना होती हैं कि आप अपनी पत्नि को नहीं संभाल पाये और जाने -अंजाने में आप पर नामर्द का दाग लग जाता हैं | मैं यहाँ स्त्री को स्त्री तत्त्व से हीन कह कर पुकारूंगा | यह कमी एक स्त्री में भी हो सकती हैं |
इस मानसिक यातना से बाहर आने के लिए आप दंपति “पति (किसी स्त्री और मासूम लड़की) और पत्नी (पुरुष और मासूम लड़के का सहारा लेते हैं) |” अगर आप दोनों इस स्तिथि में नहीं हो तो मैं अपने शब्दों को वापस लेता हूँ और इतना ही कहूंगा फिर आपको शादी करनी ही नहीं चाहिए थी | दाम्पत्य जीवन बड़ा ही अनमोल हैं | आपका कार्य, व्यवसाय, संभोग और अन्य सुख वैवाहिक जीवन को पूरा करते हैं।”
आप न जानें कौन -कौन से कुकर्म में लिप्त हो जाते हो | नशा , मद्यपान जैसे घिनौने कर्मों में लिप्त हो जाते हो | आप कुकर्मो में लिप्त होने के बाद अपने शरीर, मन , बुद्धि और धन चारों का अपव्यय करते हो | कुकर्मो से लिप्त शरीर को दुरस्त करने के लिए आपका धन अनायास ही व्यय होने लगता हैं | यह बात स्त्री और पुरुष दोनों पर लागू होती हैं |
स्कुली शिक्षा के दौरान और कई अन्य साधनों के द्वारा आप एड्स जैसी महामारी को पढ़ते हो और अचानक एड्स जैसी महामारी आपकी बुद्धि से गायब हो जाती हैं | सुरक्षा ही बचाव हैं का सिद्धांत पूरी जिंदगी चलता रहता हैं | अन्यथा आप दोनों अति ज्ञानी हैं , जिसके पास हर चीज़ का क्षणिक समाधान हैं , किंतु जिसके भविष्य में कई दूरगामी दुष्परिणाम उभर कर आते हैं | एक साधारण सा नशा मद्यपान (शराब ) न सिर्फ़ आपके शरीर , मन, बुद्धि और धन को प्रभावित करता हैं , इसका असर आपके आने वाली संतान के शरीर, मन और बुद्धि पर भी पड़ता हैं | ज़रा सोचिये अनियंत्रित गैर यौन संबंध का क्या प्रभाव होगा ? अमूमन, आज के युग में इलाज़ तो लगभग सभी बीमारियों का हो गया हैं | किंतु बीमारी में उत्पन्न शारीरिक, मानसिक कष्ट, समय और इलाज़ में धन की बर्बादी का कोई इलाज़ नहीं हैं |
मेरे यारों इन ओछी बातों से बाहर आ जाओ | आप एक -दूसरे का सम्मान करो | जहां तक हो सके अपने मान-सम्मान और सेहत का ध्यान रखें।
जो स्त्री आप को छोड़ कर चली गयी हैं , आपको पता भी नहीं आपसे चंद पैसे लेने के लिये उनके परिवार वाले और उनके आस -पास के पड़ोस वाले आपकी पत्नी को ऐसी आज़ादी देती हैं जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते |
ये चंद पैसे पाने की वो मानसिक बीमारी हैं जिसमे आप पर कई तरह का दाग लगा कर वो आपकी स्त्री को आपसे छुपाकर कर सारी आज़ादी दे देते हैं | आप कल्पना भी नहीं कर सकते कि आपकी स्त्री की जिस्म से लेकर सारी ख़्वाहिशे पूरी की जाती हैं | यहीं आज़ादी आपको को भी मिलती हैं | अंतर सिर्फ़ इतना होता हैं आपकी स्त्री के साथ उसका समाज और कानून खड़ा होता हैं और आपके साथ सिर्फ़ आपका काम धंधा, नाम और कामयाबी खड़ी रहती हैं | जब स्त्री को आप लाने में नाकामयाब हो जाते हो | आपका अपना ही समाज और खानदान कुछ कहता नहीं सिर्फ़ तमाशा देखता हैं | आप एक कामयाब इंसान हैं और प्रतिष्ठित खानदान से हैं | परम्पराओं और रीती -रिवाज़ों से घिरे हुए हो | आप इस बोझ के तलें दबते चले जाते हो |
आप कल्पना में जीते हैं की जब मैं यौन संबंध के बिना नहीं रह सकता तो मेरी स्त्री भी नहीं रह सकती और आप अपनी स्त्री के आने का इंतज़ार करते हो |आप बुलाने और मनाने के सारे प्रयास करके थक जाते हो | आपकी यह सोच आपकी एक स्त्री के प्रति एक खुली और परिपक्व विचारधारा रखती हैं | इस लेख़ के बाद एक ओछी मानसिकता वाला आपका ससुराल और लोग कम से कम आपको नामर्द नहीं कहेंगे | न ही किसी और के तलाक और अलगाव के मामले में। जो अपनी बहन के दबी हुई इच्छाओं का दमन करते हैं | कई स्त्रियाँ मानसिक लाचार हो जाती हैं | मेरी नज़र से देखो तो मुझे तो वही लोग नामर्द लगते हैं , जिन्हें एक स्त्री की दबी हुई इच्छा का पता ही नहीं होता | या आपने पत्नी को इस स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया हैं जहाँ आपकी पत्नी और आपका ससुराल तलाक लेने के लिए मजबूर हो गया हैं | मैं यहाँ दोनों पक्षों को एक -दूसरे के सुरक्षित भविष्य और संतान के सुरक्षित भविष्य के लिए एक बार जरूर सोचने को कहूंगा | आप इंसान हैं , जानवर नहीं जो कहीं भी किसी के साथ सम्बन्ध जुड़ गए | शरीर की पवित्रता को समझिये | आप समाज को और अपनी संतान को क्या सन्देश दे रहे हैं | अगर कोई स्त्री आपको फिर भी छोड़ रही हैं तो एक सामान्य प्रतिष्ठित स्त्री -पुरुष, परिवार और ख़ानदान एक -दूसरे को छोड़ ही नहीं सकते | आप मस्त रहिये | अपने काम और भविष्य बनाने में व्यस्त रहिये | यह एक स्वाभाविक मनोः स्थिति होती जिसमे आप क्रोध के कारण ससुराल जाना पसंद नहीं करते | आपके ससुराल में या आस -पास का पड़ोस (जो इस हालात से गुजरा हुआ हैं ) इसी बात का फ़ायदा उठाता हैं | फ़िर आरोपों का और नाना प्रकार के लांक्षणो का खेल आरम्भ होता हैं | यह सभी आऱोप और लांक्षन अडल्ट्री और तलाक़ के कानूनी दांव पेंच हैं | इस क़ानूनी दांव -पेंच से निपटने के लिए आप चुपके -चुपके जानें -अनाजने में कई कुकर्मो में लिप्त हो जाते हो | जिसमे सिर्फ़ और सिर्फ़ आपका, आपकी संतान का शारीरिक , मानसिक और आर्थिक शोषण होता हैं |सारे आरोपों और लांक्षणो को ध्यान से सुनते रहे | सिर्फ़ इतना सोचें जो आरोप और लांक्षन आप पर लग रहे हैं , वहीं आरोप और लांक्षन आपकी स्त्री पर भी लग रहे हैं |बहस न करे आपको शारीरिक और मानसिक आघात पहुँच सकता हैं | अगर स्थिति निंयत्रण के बाहर हैं | यही स्थिति आपकी पत्नी की भी हो सकती हैं (अगर वह एक सही स्त्री होगी ) जिस प्रकार आपसी मनमुटाव के कारण आपका ध्यान कार्यालय या व्यवसाय में भटक जाता है, आप शांत रहना चाहतें हो | उसी प्रकार आपकी स्त्री राहत पाने के उद्देश्य से अपनी माँ, भाई और बहन को देखती है। वह माँ के घर चली जाती हैं | आप दोनो के बीच पहले से ही मनमुटाव चल रहा होता हैं | इसी बात का फ़ायदा उठाकर पहले जीजा जी को मज़ा चखाएंगे | गाली -गलोच से दूरियां बढ़ जाती हैं | आपके ससुराल वालो के दिमाग़ में तो सिर्फ़ पैसा चल रहा होता हैं | कहानी किसी और तरह से बनायीं जाती हैं | गलत नियति का अंजाम एक स्त्री मानसिक लाचार हो जाती हैं | यह तो बड़ा ही अटूट प्रेम हैं | कोई किसी के लिए पागल हो जाता हैं | अगर आपकी पत्नी वहां मानसिक लाचार हो जाती हैं तो वहाँ का परिवार सारा टिकरा आप पर ही फोड़ देता हैं | आपको बार-बार उत्तेजित कर सबूत इकट्ठा करते रहते हैं | आप अपनी पत्नी से मिलना चाहते हैं , बात करना चाहते हैं | वहां के परिवार वालों से आपको धमकी मिलती हैं पहले पुलिस से लिखवा कर ला तब मिलना | इतना ही काबिल था तो तेरी पत्नी हमारे घर क्यों आयी ? आपका व्वयसाय होता हैं आपकी नौकरी होती हैं | आप पुलिस कोर्ट -कचहरी मुकदमे से दूर रहना चाहते हैं | उनका परिवार इस बात को भली भांति जानता हैं | आपके मिलने के बात करने के सारे रास्ते बंद होते हैं | सिवाय अपशब्द के आपको और कुछ सुनने को नहीं मिलता | आपकी सोचने समझने की क्षमता को क्षीण कर दिया जाता हैं |
दूसरी परिस्थिति में आपकी स्त्री और वहाँ का परिवार तलाक़ के सारे हथकंडे जानकर आपसे चंद महीनों में कुछ मुठ्ठी भर धन , एक छोटा अपना व्वयसाय या नौकरी , महीने के कानून द्वारा तय की हुई राशि संतान के परवरिश के लिए जो एक पिता देगा के ख़्वाब देख चूका हैं | कुल मिलाकर आपका परिवार मिट चूका हैं | कामयाब इंसान पर पहले से ही काम में तरक्की पाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती हैं |
“किसी भी कार्य स्थल में ख़ुद को सबसे उम्दा साबित करने की होड़ और सोच आपको आपके काम और काम (सेक्स) दोनों में सफल रखती हैं | मेरा यह वाक़्य अपने आप में संपूणर्ता लिए हुए हैं | “ इसलिए इन ओछे और मानसिक कुविचारों से दूर रहे |
अब मैं स्त्री पक्ष की बात करता हूँ | स्त्री एक कोमलाङ्गी तत्त्व हैं | आप पुरुषों को अपनी मर्दानगी दिखानी का इतना ही शौक हैं तो उस पर हाथ न छोड़े |न ही उसका हाथ छोड़े | नशा -मद्यपान न करें | उस बेचारी पर एक थप्पड़ ही उसे दिन में तारे दिखा सकता हैं | उसे मारिये मत | उसे प्रेम दीजिये , सम्मान दीजिए | अपना सारा क्रोध और गुस्सा अपने काम (सेक्स) के माध्यम से उतारे | स्त्री को वैसे ही तारे दिख जायेंगे | दावे के साथ कहता हूँ आपकी स्त्री या तो हमेशा आपके साथ रहेगी या सदा के लिए आपको छोड़ देगी |क्योकि ,यौन सम्बन्ध पति -पत्नी के आपसी तालमेल से ही संभव हैं | शरीर और मस्तिष्क को संतुलित रखने के लिए सेक्स इस ब्रह्मांड का सबसे बड़ा योगा है। नहीं तो योगा करें।
चाहें स्त्री हो या पुरुष कम से कम संतान होने के बाद तलाक जैसे घिनौने कर्म के तरफ न बढे |
जाने -अंजाने में न सिर्फ़ आप अपना घर बर्बाद करते हो यहाँ तक कि आप आने वाली संतानो का भी जीवन बर्बाद कर देते हो |
आने वाले समय में छोटी सी बात पर आपकी संताने भी उस नक़्शे कदम पर चल पड़ती हैं |
घर जोड़ कर चलना बहुत ही सरल और एक कठिन तपस्या भी हो सकती हैं | इसमें स्त्री और पुरुष का तालमेल बहुत ज़रूरी हैं | बात अगर किसी के चरित्र पर हैं तो फ़िर मैं मौन हूँ | बातें हद से ऊपर हैं तो मैं फैसला आप पर छोड़ता हूँ | किन्तु जहां तक हो तलाक जैसे घिनौने कर्म को अपने दिल और घर में प्रवेश न होने दे |
ऐ! मेरे यारों अपनी मर्दानगी शाबित करने के लिए किसी अन्य स्त्री और लड़की के जीवन को बर्बाद न करो | न ही स्त्री इस नक्शे कदम पर चले और किसी अन्य पुरुष और मासूम लड़के का जीवन बर्बाद करें | मेरे लिए तो स्त्री एक संपूर्ण स्त्री हैं और पुरुष एक संपूर्ण पुरुष हैं | दोनों ही समान हैं | आपस में प्रेम बनाकर रखिये | ऐसी ओछी मानसकिता के हमेशा दूर रहिये |
तलाक़ और अलग़ होने के समय कि एक मानसिक स्तिथि क्या होती हैं ? यह जिस पर बीतती हैं वह इस बात से पूरी तरह से सहमत होंगे | (अगर नहीं तो मुझे अपना सुझाव साझा करे | मैं इस लेख़ को ब्लॉग पृष्ठ से हटाने के लिए तैयार हूँ | ) अलग़ होने के कुछ क्षणों पश्चात पहले शादी -शुदा पुरुष पर आऱोप लगते हैं तब पुरुष भटकता हैं (जबकि एक पुरुष कानूनी चक्करों से बचने के लिए अपनी स्त्री को मनाने के लाखों प्रयास करता हैं | ) इसी प्रकार अलग़ होने के कुछ क्षणों पश्चात स्त्री पर आऱोप लगते हैं , फ़िर शादी -शुदा स्त्री भटकती हैं | इस क्षण पर किसी अन्य स्त्री -पुरुष की नज़र होती हैं जो इन हालातों से गुज़रे होते हैं या जिन्हें इन हालातों का पूर्णतया ज्ञान होता हैं | क्योकि घर तोड़कर पैसा कमाने का यह सबसे सरल और घटिया तरीका हैं | इसमें आपकी स्त्री को बैठे -बिठायें लखपति और नाना प्रकार के ख़्वाब दिखाए जाते हैं | और ! लखपति जुड़ते ही पति का मान स्वतः ही घट जाता हैं |
किन्तु उस शादी -शुदा स्त्री को इस बात का एहसास नहीं होता कि कानून भी आपके पति से ही धन मांग रहा होता हैं | यहाँ मैं थोड़ा पति का मान ऊपर कर देता हूँ , जब आप लाखों दे सकते हैं तो फ़िर लाखों कमा लेंगे |
किन्तु ऐसे जोड़ो से विनम्र निवेदन हैं , ऐसी स्तिथि कभी न आने दे | जानें -अंजाने में न सिर्फ़ आप अपना घर उजाड़ते हैं , आप अपने संतानो का भी घर उजाड़ देते हैं |
यारों ! संतान होने के बाद अगर आपकी स्त्री और उसके आस -पास का पड़ोस या आपके आस -पास का पड़ोस आपको नामर्द कहता हैं तो ऐसे लोगों को मैं मानसिक लाचार कहता हूँ | यह आऱोप का वह तीर हैं , जिसमे आपका पूरा परिवार फँस जाता हैं | इस तरह से वो आपकी स्त्री और आपकी मासूम संतानो पर भी लांक्षन लगा देते हैं | यह समाज का वह रूप हैं जो पहले दूरी बनाता हैं , फिर ताने देता हैं | इस समाज की क्या फ़ितरत हैं ? जब आपकी पत्नी छोड़ कर गयी तो आप पर इल्ज़ाम लगा आप अपनी पत्नी को नहीं संभाल सके | इस तनाव से बाहर आने के लिए आप स्त्रियों को घर लाने लग गए तो फ़िर आप पर अय्याश और चरित्रहीन का दाग लगा | यह एक स्वाभाविक मनोः स्थिति हैं जिसमे आप अपनी स्त्री को कुछ नहीं देना चाहते | आप जानते हैं आपके तलाक के चंद पैसो का हिस्सा तो उनको जाने वाला हैं जिनोह्णे आपकी स्त्री को चंद समय में लखपति होने का ज्ञान दिया हैं | ऐसे लोगों और समाज की सोच से दूर रहे | जो न ख़ुद कुछ करते हैं न आपको कुछ करने देते हैं |
संतान का होना सबसे बड़ा शबाब हैं | बहुतों की तो संताने हो ही नहीं पाती |
अगर कोई आपसे पूछें आपकी पत्नी कहाँ हैं ? आप स्पष्ट शब्दों में कहिये मैं उसकी नज़र में नामर्द था और अपने जीवन और भविष्य निर्माण मैं पूरी तरह से व्यस्त हो जाएं | समाज का ज़वाब आपको मिल जायेगा | अगर वो वास्तव में एक स्त्री का सम्मान करते हैं |
अपने काम पर ध्यान दीजिए और ख़ुद को क़ामयाब बनाये |यह तलाक लेने की सबसे ओछी और अंतिम मानसिकता हैं | जिसमे आपको हर तरफ से नाकामयाब और मानसिक लाचार दिखलाने की कोशिश की जाती हैं | स्त्री आप पर नामर्द का लांक्षन लगाती हैं , क्योकि आप कामयाब हैं आप अपनी पत्नि को अपनी मर्दानगी दिखाने के लिए अन्य स्त्री या मासूम लड़की का सहारा लेते हैं | इन सभी हरकतों पर भी आपकी स्त्री जल्दी तलाक़ नहीं देती | क्योकि उस स्त्री के मस्तिष्क में सिर्फ़ आपका धन और जायदाद लेना चलता हैं | क्योकि जो कुकर्म आप कर रहे हैं | वहीं कुकर्म आपकी स्त्री कर रही होती हैं | मैं फिर से इस वाक्य को दोहराऊंगा – ” अगर आप दोनों इस स्तिथि में नहीं हो तो मैं अपने शब्दों को वापस लेता हूँ और इतना ही कहूंगा फिर आपको शादी करनी ही नहीं चाहिए थी | दाम्पत्य जीवन बड़ा ही अनमोल हैं | आपका कार्य, व्यवसाय, संभोग और अन्य सुख वैवाहिक जीवन को पूरा करते हैं।”
अब आप जरा सोचिये इस स्तिथि में जानें -अनजाने में कितनी जिंदगी ख़राब होती हैं | जो स्त्री और उसके आस पास का पड़ोस संतान होने के बाद ऐसे लांक्षन लगाये तो वहीं सभी लांक्षन आप स्त्री पर भी लगा दो | यह आऱोप और लांक्षन तो स्त्री और पुरुष दोनों के लिए हैं | पैसा ,जायदाद , हवस और किसी ऊंचे खानदान या किसी स्त्री और पुरुष को बदनाम करने का यह एक सबसे घिनौना और सरल रास्ता हैं | वह सभी वर्तमान के क्षणिक सुख को देख रहे होते हैं | भविष्य के दुष्परिणामों से अनिभिज्ञ रहते हैं |
*वक़्त बदल चूका हैं | स्त्रियाँ भी स्त्री तत्त्व से हीन हो रही हैं | या कोई स्त्री एक सामान्य स्त्री की तुलना में अत्यधिक कामुक हो सकती हैं | यहीं स्तिथि एक पुरुष की भी हो सकती हैं | मैं स्त्री और पुरुष दोनों को समान मानता हूँ |*
कानून इस स्तिथि को सिर्फ़ एक तलाक के नज़र से देखता हैं लेकिन तलाक के दौरान एक पुरुष पर लगे आरोपों का कितना मानसिक कुप्रभाव पड़ता हैं | कानून इस पक्ष पर बिल्कुल ध्यान नहीं देता | एक क़ामयाब पुरुष अपने शारीरक , मानसिक बौद्धिक कला से धन, नाम और कामयाबी हासिल करता हैं | एक स्त्री उसे एक झटके में ले जा सकती हैं | इस मानसिक स्थिति में पुरुष तो पुरुष हैं वो न जानें क्या -क्या कुकर्म कर बैठता हैं | मेरी तर्क़ की कसौटी पर अब स्त्रियाँ भी कम नहीं हैं |
मेरे यारों एक स्त्री और पुरुष सदा ही स्त्री -पुरुष रहेंगे | आप पढ़े -लिखे लोग हैं | ये सभी आऱोप और लांक्षन अडल्ट्री और तलाक़ के कानूनी दांव पेंच हैं | चंद पैसे , थोड़ी सी आज़ादी , थोड़ी सी मस्ती और थोड़े से हवस के लिए आप (अन्य स्त्री, कोई मासूम लड़की )और आपकी स्त्री (अन्य पुरुष और मासूम लड़के) का जीवन बर्बाद कर देते हैं | अडल्ट्री और तलाक़ के कानूनी दांव पेंच में आप जिस अन्य स्त्री, मासूम लड़की या आपकी स्त्री अन्य पुरुष या मासूम लड़के के साथ रहते हो | वह अन्य स्त्री -पुरुष, मासूम लड़की या मासूम लड़का सबूत नहीं देते क्योकि उन्हें समाज और कानून से डर लगता हैं | इसलिए मैंने तलाक़ को एक ग़रीब राक्षसी कहा हैं | इस स्तिथि में एक पति सामान्य पुरुष नहीं रहता और एक पत्नी सामान्य स्त्री नहीं रहती | जबकि पुरुष और स्त्री दोनों का ही परम कर्त्तव्य किसी अन्य स्त्री या किसी की भी की मान -मर्यादा और चरित्र की हिफाज़त करना हैं और उन्हें सही ज्ञान देना हैं | इसी प्रकार अपनी संतान को सही ज्ञान और परवरिश देना हैं |
किसी अन्य स्त्री या मासूम लड़की का या आपकी पत्नी किसी अन्य पुरुष का या मासूम लड़के का जीवन अपने साथ -साथ ख़राब करते हैं | उन्हें आप दोनो स्त्री -पुरुष पल में लखपति बनाने के ख़्वाब में फॅसा लेते हो या कोई समझदार आपकी स्त्री को फॅसा लेता हैं | किन्तु वह समझदार यह भूल जाता हैं कि जिस स्त्री को उसने फसांया होता हैं , एक समय तक आप उस स्त्री के पति रहे हो | पुरुष का अचानक से सारा खर्चा रूक जाता हैं | वह भी एक नयी जिंदगी देखता हैं | पत्नी का खर्चा , बच्चों की स्कूल की फ़ीस | अब वो और उसके नए ख़्वाब रहते हैं | आप दोनों ही तलाक़ देना नहीं चाहते क्योकि आपका आर्थिक नुकसान हैं |आपका पति इसलिए तलाक नहीं देता क्योकि उसका आर्थिक नुकसान हो रहा हैं , उसका नाम और क़ामयाबी ख़राब हुई हैं | क्रोध की आग में वह मौन हो जाता हैं | आपकी पत्नी के चंद लम्हों में लखपति बनने का सपना टूट जाता हैं | क्रोध की आग में वह भी मौन हो जाती हैं | इस मोह -माया में दोनों स्त्री -पुरुष अपना और संतान का जीवन बर्बाद कर देते हैं | इससे तो बेहतर हैं दोनों मिलकर साथ ही धन कमा लो | जब इतना ही धन कमाने की जिज्ञासा हैं | यहाँ पर मैं भारत के तलाक़ पर बनाएं हुए हिँदू अधिनियम की थोड़ी -सी सराहना करता हूँ | कानून आपको 2 से 3 साल तक आपको एक-दूसरे को समझने का मौका देता हैं | कानून भी हर हाल में आपका घर बसाना चाहता हैं | किन्तु आप कानून को धोखा देते हो | इस अधिनियम के आप ख़िलाफ़ जाकर अपने महत्व और गरिमा को दिखाने के लिए चोरी -छुपे अन्य स्त्री , मासूम लड़की या अन्य पुरुष या मासूम लड़के की जिंदगी और समय अपने साथ -साथ ख़राब करते हो | अगर आप फिर भी नहीं समझे तो आप दोनों ही ख़्वाब में जी रहे हो | इस समय अंतराल के पश्चात बहुत से कानून और धाराएं लग जाती हैं | अब आप अपनी पूरी जिंदगी एक वकील के साथ ही बिताएं | अन्यथा! बेफिक्र हो कर अपना जीवन और भविष्य बनाएं |
आप ऐसे परिवार वालों को मेरा लेख़ साझा कर दो | जो आपकी मर्दानगी पर शक करे आपको संतान होने के बाद नामर्द कहे या आपकी पत्नी नहीं संभली |यह आऱोप तो पति और पत्नी दोनों के लिए हैं | मेरी नज़र में एक स्त्री और पुरुष दोनों समान हैं | ऐसी ओछी बातों से बाहर आ जाओ | यह आऱोप का वह तीर हैं , जिसमे आपका पूरा परिवार फँस जाता हैं | इस तरह से वह तीसरा आपकी स्त्री और आपकी मासूम संतानो पर भी लांक्षन लगा देते हैं | यह सभी बातें एक समय के बीत जानें के बाद पता चलती हैं | कोई समझदार पति वक़्त से पहले जब इन बातों को बता रहा होता हैं तो वह तीसरा आपकी एक बात को नहीं चलने देता क्योकि उसका मक़सद आपको उत्तेजित कर तलाक़ और चंद पैसा कमाना हैं | दुर्भाग्य वश आपकी पत्नि उस चंद लम्हों में लखपति और संतान के भरण -पोषण के लिए हर महीने पैसा कमाने के ख़्वाब में फँस चुकी होती हैं | वह समझदार पति इस बात को भाप लेता हैं और वह तलाक़ ही नहीं देता | कुछ समय तक वह अपने अकेलेपन में अपनी संतानो को याद करता हैं और रोता हैं | फिर वही परिस्थितियां एक दिन आदत बन जाती हैं , फ़िर आँखों से आंसू सुख जाते हैं | कुछ समय बाद चेहरे पर एक मुस्कुराहट होती हैं | आप और आपका काम धंधा| वहीं दूसरी परस्थिति में तलाक से चंद मुठ्ठी भर पैसा कुछ पल की ख़ुशी और संतान के साथ स्त्री की जिंदगी चल रही होती हैं | कुछ महानुभाव अपने आप को साधु और साध्वी घोषित कर देते हैं | कुछ महानुभाव टैक्स बचाने के लिए भी तलाक़ दे देते हैं (इसे एक अपवाद के रूप में समझें )|
यारों ! तलाक जैसे घिनौने कर्म का फैसला लेने से पहले अपनी संतान की तरफ़ जरूर देखें | आपकी संतान सबसे पहले आपको अनुसरण करती है | आपकी संतान आपके प्रेम ,स्त्री तत्त्व और पुरुष तत्त्व तीनों का ज़वाब देती हैं | हालात अगर बद से बद्तर हैं , तो फिर फ़ैसला आपका हैं |
मस्त रहिये और अपने भविष्य निर्माण में व्यस्त रहिये | नए रास्तें खुलने शुरू हो जायेंगे | मेरा यह वाक़्य स्त्री और पुरुष दोनों के लिए हैं | मगर शर्त यहीं हैं | दोनों ही कुकर्मो से दूर रहे | या तो आपकी संतान आपको खींच लेगी या आप दोनों के बीच का अधूरा प्रेम या अधूरा यौन सम्बन्ध (सेक्स) खींच लेगा | अन्यथा मामला गड़बड़ हैं | 2 -3 साल का अंतराल एक रिश्ते को समझने के लिए बहुत होता हैं | एक साधारण पति -पत्नी एक हफ़्ते से ज़्यादा यौन संबंध में दूरी बना के नहीं रख सकते |वैसे यह शारीरिक सम्बन्ध तो आप दोनों के बीच आपसी तालमेल हैं | यह अवधि एक संतान होने के समय में ही खींच सकती हैं |
तलाक़ और अलग रहने का सबसे सुनहरा अवसर तब होता हैं जब आपकी पत्नि गर्भवती होती हैं | आप न चिल्ला सकते हो न ही अपना ग़ुस्सा जाहिर कर सकते हो | आप एक सामान्य और प्रतिष्ठित खानदान से हो जिसको कोर्ट -कचहरी और मुकदमों से डर लगता हैं | आपकी पत्नी अपने घर चली जाती हैं , आप जब भी अपनी पत्नि से बात करना चाहते हो , आपकी पत्नी सिर्फ़ इतना कहती हैं , मुझे परेशान मत कीजिये | मैं किसी भी तरह का वाद -विवाद नहीं करना चाहती और फ़ोन ब्लॉक कर देती हैं | उनके भाई -बंधू आपको दुनियाँ भर की गालियाँ और अपशब्दों का प्रयोग करते हैं | प्रेम से सिर्फ़ इतना कहते हैं , “तुझे गालियाँ नहीँ देंगे तो और किसे देंगे ? जीजा और सालें का तो रिश्ता ही गलियों के लिए होता हैं |
तुझे समझ नहीं आता अभी तेरी पत्नी गर्भवती हैं | वह किसी भी प्रकार का चिंता नहीं चाहती | आपके बात करने के और मिलने के सारे रास्ते बंद कर दिए जाते हैं |
यारों ! पति और संपत्ति में सम्पति का महत्व इस स्तिथि में ज्यादा हो जाता हैं | जिसमें आपकी आने वाली संतान को ही मोहरा बनाया जाता हैं |
मैं फ़िर से इस शब्द को दोहराऊंगा आप स्त्री का रिश्ते में हाथ न छोड़े और न उसको मारे |अपना सारा क्रोध और गुस्सा अपने काम (सेक्स) के माध्यम से उतारे | मैं जानता हूँ जब स्त्री आपसे अलग़ होना चाहयेगी | आप थके हारे अपने कार्य स्थल से आओगे | आप पानी मांगोगे , आपको पानी नहीं मिलेगा | आप फ़िर दुबारा पानी मांगोगे , वह आपकी बात को अनसुना कर देगी | ज़वाब ये भी हो सकता हैं देख रहे हो न खाना भी तो आपको लिए ही बना रही हूँ | आप चुप-चाप ख़ुद से पानी पी लेना | फ़िर जब खाने का वक़्त होगा तो वह पानी लेकर आएगी , ताकि आपका पेट भर जाएं और आप कम खाओ | अब आपने पानी नहीं पिया तो मेरी कोई क़द्र ही नहीं हैं | यह तो एक साधारण सा उदहारण हैं | आपकी स्त्री को घरेलु हिंसा के लिए किसी भी योजनाओं से आपको उत्तेजित करना हैं | (मैं सभी स्त्री वर्ग के समक्ष इन शब्दों का और वाक्यो का प्रयोग कर रहा हूँ | जिसके लिए मैं हाथ जोड़ कर क्षमा मांगता हूँ | किँतु ! आप दिव्य स्त्रियों के बीच में कुछ स्त्रियाँ भयावह रूप में सामने आ रही हैं |) आपने हाथ नहीं उठाया तो आपको किसी न किसी प्रकार से उत्तेज्जित करना हैं ताकि आप घरेलू हिंसा करे | आपको मानसिक और शारीरिक रूप से लाचार करना हैं | किसी न किसी माध्यम से उसे आपको छोड़ना है ताकि जब वो आपको छोड़े आप किसी काम के नहीं थे | यही स्थिति एक काम में व्यस्त स्त्री के साथ भी हो सकती हैं |बस आप कामकाजी महिलाओं से पैसे नहीं मांग सकते। आप किसी महिला को सीधे तलाक नहीं दे सकते। आपकी स्त्री को बस चंद पैसो के लिए घरेलू हिंसा और कोर्ट -कचहरी मुक़दमे करवाना हैं | आपकी स्त्री को बस कलेष की जड़ पैदा करना हैं |आप कानून का सम्मान करते हो | आप कुछ नहीं कर सकते | ऐसी स्थिति में आप शांत रहे | ग़रीब राक्षसी आपके घर में प्रवेश कर चुकी हैं | आपकी स्त्री घर छोड़ कर चली जाती हैं तो यह आप दोनों का दुर्भाग्य हैं | आप जितना हो सके शांत रहे , आप उसे प्रेम से बुलाने का प्रयास करे | अगर नहीं आती तो निश्चिंत रहे | आप कड़ी मेहनत करे | समाज की और आपके ससुराल पक्ष की बेतुकी बातों को अनसुना कर ख़ुद को पहले से ज़्यादा कामयाब बनाएं | नए रास्तें अपने आप खुलने लगेंगे | कुछ समय पश्चात आप अपने आप को सभी तनाव से मुक्त पाएंगे |
यह लेख़ सिर्फ़ उन्हीं स्त्रियों और पुरुषों के लिए हैं जो तलाक़ या अलग रहने की कि स्तिथि से गुजर रहे हैं | ज़रा सोचिये ! आपका ख़ुशहाल परिवार आपका मासूम बच्चा और एक ख़ुशहाल जिंदगी |
स्त्री को एक कमज़ोर पक्ष मानकर तलाक का कानून उनकी हिफ़ाजत के लिए बना हैं | अधिकतम मामलों में अमूमन पुरुष ही दोषी होता हैं |
किंतु मैंने यह लेख विशेष रूप से पुरुष वर्ग के लिए लिखा हैं ,जिनका समाज में कोई मान -सम्मान पद और वह कामयाब हैं | जब एक स्त्री को आपको छोड़ना होता हैं , उसकी सारी योजनाएं बस आपको किसी भी तरह से शारीरिक , मानसिक और आर्थिक नुकसान कर लाचार बनाना हैं | ताकि जब उसको तलाक मिले | आप किसी भी काम के नहीं थे | बैठे -बिठाये लखपति बनने का इससे सुगम और घटिया रास्ता नहीं हो सकता | जाने -अनजाने में वह स्त्री अपने आने वाली संतानो में भी वही बीज़ बो देती हैं | वैसे मैंने तलाक और अलग़ रहने की हर पहलू पर प्रकाश डालने की कोशिश की हैं | मैने यह लेख़ व्यावहारिक आधार पर लिखने और अपने विचार को साझा करने का प्रयास किया हैं | इसमे कुछ तलाक शुदा स्त्री और पुरुष के निजी विचारों और तलाक के लिए पैदा किये हुए हालातों को भी मैंने सम्मिलित किया हैं | इन सब हालातों और विचारों को पढ़ कर किसी का घर पुनः बस जाता हैं और सभी तलाक को एक घिनौने कर्म की नज़र से देखेंगे तो मैं यही समझूंगा मेरा लेख़ लिखना सफल हुआ | मैं आपके सुझाव ,फीडबैक, टिपण्णियों और प्रतिक्रियाओं को दिल से स्वागत करता हूँ | किसी भी स्त्री-पुरुष , पति -पत्नी के दिल को ठेस पहुंची हैं तो मैं इस ब्लॉग पोस्ट को हटाने के लिए हमेशा तैयार हूँ | यारों ! तलाक जैसे घिनौने कर्म का फैसला लेने से पहले वर्तमान के चंद सुखों को ध्यान में न रखते हुए भविष्य के दूरगामी परिणाम और संतान के भविष्य के लिए ज़रूर सोचिये | आपका ख़ुशहाल परिवार आपका मासूम बच्चा और एक ख़ुशहाल जिंदगी |
ग़रीब राक्षसी शब्द को एक महज़ शब्द समझे इसका किसी स्त्री के साथ कोई सम्बन्ध नहीं हैं |आप पति -पत्नी के बीच कोई तीसरा ग़रीब राक्षसी स्त्री और पुरुष के रूप में घर में प्रवेश कर चुका हैं जिसका मक़सद सिर्फ़ और सिर्फ़ आप दोनों को बर्बाद करके चंद पैसा कामना हैं | जिस तरह से घर में जब तरक्की होती हैं तो देवी लक्ष्मी का आगमन (अर्थात धन और सफ़लता का आगमन होता हैं) समझा जाता हैं , उसी तरह जब घर का नाश होता हैं तो घर में राक्षसी का प्रवेश होता हैं | अमूमन कोई भी स्त्री या पुरुष सीधे ही वक़ील से अपने रिश्ते में आये हुए दरार को नहीं बताता |आपकी स्त्री पहले किसी मित्र या अपने करीबी रिश्तेदार से मिलती हैं | इस तलाक के अधिनियम में हर तरफ़ से स्त्री का पलड़ा भारी होता हैं | अगर आप पुरुष जिस तीसरे पुरुष को अपने रिश्ते में आये हुए दरार को जब बताते हो एक दिन उसको भी अपनी पत्नी के पक्ष में ही पाते हो | मैंने कहा न पति और सम्पति में इस स्तिथि में पहला और अहम् लक्ष्य होता हैं आपके पास सम्पति कितनी हैं? और आप कितना कमाते हो ? दरार भरने की अपेक्षा और उभर जाता हैं | आपकी पत्नी चंद समय में लखपति और पति के तनख्वा में से कुछ हिस्सा हर महीने मिलने के जाल में फँस चुकी हैं | यह वर्तमान का क्षणिक सुख , भविष्य में आप दोनों और आपकी संतान के लिए कई दुष्परिणाम लेकर आता हैं | जैसा मैंने उपरोक्त वर्णन किया हैं | जाने -अंजाने में आपकी संताने भी इन गलत रास्तें पर चल पड़ती हैं |
यारों ! तलाक जैसे घिनौने कर्म का फैसला लेने से पहले अपनी संतान की तरफ़ जरूर देखें | आपकी संतान सबसे पहले आपको अनुसरण करती है | आपकी संतान आपके प्रेम ,स्त्री तत्त्व और पुरुष तत्त्व तीनों का ज़वाब देती हैं | हालात अगर बद से बद्तर हैं , तो फिर फ़ैसला आपका हैं |
एक बार फिर से यही दोहराऊँगा और लिखुँगा,मस्त रहिये और अपने भविष्य निर्माण में व्यस्त रहिये | नए रास्तें खुलने शुरू हो जायेंगे | मेरा यह वाक़्य स्त्री और पुरुष दोनों के लिए हैं | मगर शर्त यहीं हैं | दोनों ही कुकर्मो से दूर रहे | या तो आपकी संतान आपको खींच लेगी या आप दोनों के बीच का अधूरा प्रेम या अधूरा यौन सम्बन्ध (सेक्स) खींच लेगा | अन्यथा मामला गड़बड़ हैं | 2 -3 साल का अंतराल एक रिश्ते को समझने के लिए बहुत होता हैं | एक साधारण पति -पत्नी एक हफ़्ते से ज़्यादा यौन संबंध में दूरी बना के नहीं रख सकते |वैसे यह शारीरिक सम्बन्ध तो आप दोनों के बीच आपसी तालमेल हैं | यह अवधि एक संतान होने के समय में ही खींच सकती हैं | जितना हो सके इस गरीब राक्षसी शब्द को दिल और घर में प्रवेश न करने दे |
मेरी आँखे उस ज्ञानी पंडित को भी ढूंढ रही हैं जिसने पैसा कमाने के लिए लक्ष्मी (धन की देवी ) के लिए एक नया शब्द अलक्ष्मी इज़ात किया हैं (जिसका अर्थ हैं दलिद्री (दरिद्री), ग़रीबी या राक्षसी ) और इस पर भी नहीं बन पड़ा तो देवी लक्ष्मी के 10 अवतार और 10 नए नाम दे दिए | उस ज्ञानी पंडित को लगा कि भगवान कैसे हैं? अपनी पत्नी को ही किसी के घर भेज देते हैं | मैं राक्षसी या दलिद्री शब्द लिखूंगा | देवी लक्ष्मी तो देवी लक्ष्मी हैं | वह तो धन और सफ़लता की देवी हैं | उन्हें आप पर प्रषन्न होना होगा तो वह एक ही नाम से प्रषन्न हो जाएँगी | आप बस दृढ़ संक्लप से अपना कर्म कीजिए | सफलता और धन दोनों ही आपको मिल जायेंगे | नहीं तो पंडितो के अनुसार इस्लाम और अन्य धर्मों को धन और सफ़लता कभी मिले ही नहीं और इन धर्मो को मानने वाले लोग सदा के लिए ग़रीब ही रहे |
विशेष सुझाव : एक समझदार, कामयाब परिवार कम से कम किसी परिवार में शादी जैसे पवित्र संस्कार को तय करने से पहले कम से कम 3 और अधिकतम 7 पीढ़ियों का पता लगाएं| कोई उसमे नशा या मद्य पान करता न मिले और न ही कोई तलाक़ शुदा हो (क्योकि वह तलाक़ के सभी हथकंडो से वाक़िफ़ हैं ) | इसी प्रकार शराब कुछ क्षणों के लिए काम (सेक्स) की क्षमता और तीव्रता बढ़ाता हैं | किन्तु एक अंतराल बाद यह आपके शरीर को निष्क्रिय कर देता हैं | इसका असर आपकी आने वाली संतानो पर भी पड़ सकता हैं | बेटी की ख़ुशी में अपनी इच्छा से दिया गया दहेज़ एक उपहार हैं | किन्तु दहेज़ की मांग की मैं घोर निंदा करता हूँ | एक क़ामयाब पढ़ा -लिखा पुरुष या उसके माता -पिता अगर दहेज़ मांगते हैं तो मेरी नज़र में इस संसार में उनसे बड़ा पढ़ा -लिखा ग़रीब कोई नहीं हैं |एक पिता जब एक कामयाब बेटी की शादी करता हैं और उसे फिर भी दहेज़ देना पड़ता हैं तो इसकी भरपाई करने के लिए वह अपने बेटे की शादी में भी दहेज़ के लिए मज़बूर हो जाता हैं |
यह मेरा पहला लेख़ हैं , जिसमें मैंने कुछ तलाक -शुदा स्त्री और पुरुष के निज़ी विचारों और उनकी व्यक्तिगत राय को भी सम्मिलित किया हैं | सबसे पहले तो मैं उनका तहें दिल से शुक्रगुज़ार हूँ जिनोह्णे मुझ पर अपना विश्वास दिखाया | अन्यथा मेरा यह लेख़ कभी पूर्ण नहीं होता | मैं उन्हें पूरी तरह से आशवस्त करता हूँ कि उनके नाम सदा -सदा के लिए हमारे साथ गोपीनायें और सुरक्षित हैं | इस लेख़ के माध्यम से तलाक और अलग रहने के सूरत में एक स्त्री और पुरुष के मानसिक विचार का स्तर कहाँ तक जा सकता हैं ? आपके आस-पास के समाज का क्या नज़रिया आपके प्रति हो सकता हैं ? और ! उसके क्या -क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं ? इन सभी विषयों पर प्रकाश डालने की कोशिश की हैं | कुल मिलाकर तलाक एक घोर घृणित कर्म हैं | जहां तक हो तलाक रुपी ग़रीब राक्षसी को अपने दिल और घर में प्रवेश न करने दे | अपने परिवार और संतान को सबसे अधिक प्रेम और अहमियत दे | हालात अगर बद से बद्तर हैं , तो फिर फ़ैसला आपका हैं | कोई भी फैसला लेने से पूर्व मैं यहाँ दोनों पक्षों को एक -दूसरे के सुरक्षित भविष्य और संतान के सुरक्षित भविष्य के लिए एक बार जरूर सोचने को कहूंगा |
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ENGLISH VERSION:
In today’s hectic, sky-rocketing inflation and tough competition era, the obsession of divorce and separation are developing in a sinister way. Till tomorrow, those who will earn together, eat together and together fulfil the wishes of themselves and their future children. Are not able to fulfil even their wishes. Ultimately, they want to separate and fulfil their wishes. After divorce, you will get a handful of money together. Then every month some amount will be received from the husband for the upkeep of the children. To keep such a wonderful idea some married woman will start a small business or job with a mind of divorce and goes to her mother’s house. After a few moments, the actually divorced father becomes mentally helpless. He earns and sends money every month to his children. Meet them. That divorced woman keeps smiling at what she did. She is proud of the thought of getting rich in her few moments and getting money every month. This has been decided by the law. Now the judgment of nature begins. Slowly that man goes on breaking down. The desires of meeting the children start decreasing. In this mentally helpless state, most of the people lose their jobs. What am I earning for? What am I doing? That child is really mine? He keeps getting buried in those thoughts. The business of many gets ruined. Generally, it has been found that many divorced women stop getting money later.
Someone in the society with crooked thoughts who is smaller than you in scholarship, status and knowledge (it can be from your in-law’s side or any other) and comes slowly or says on the phone one day, Man, From where you have got your qualification and degree? How did you get such a good job and position? It seems that those people must also be fools, who have hired you. You could not able to handle your wife. Your wife is really very clever. Your wife smiles at this devious intelligence of hers (This same sentence has been shared with your wife too). She takes money from you, earns herself, takes care of your children and doesn’t even look at you. Neither listens to you, does not even allow you to touch yourself. Is that child really your child? Slowly that divorced man starts kneeling in himself. In the suffocation of dark nights, he slowly goes on suffocating alone. Some emotional men become mentally helpless or come in shock even before this shock and action of divorce. Because of the place where he has reached with his hard work and dedication. He chooses and creates the future for his children. Where an ordinary man does not reach. He finds that success ends in one stroke. It takes him a long time to balance his life again. Many unfortunate parents have to bear the child suffering from this trauma till their last breath. If seen, their parents also get shocked. Which some foolish people consider as a trick to escape from the law. If you really see a divorced or separated couple, then many of the husbands or wives come under mental pressure. Their own decision-making ability gradually starts decreasing. Some are making some kind of living. Someone’s children are with the mother, while some are with the father. There are very few people who settle down again or get married for the second time. Which category do you belong to? decide yourself.
A poor demonic like divorce not only separates a husband and wife. Knowingly or unknowingly, they also put a stigma on the coming generation.
In such homes, a sensible, successful family and clan thinks many times before adopting and maintaining the most sacred bond like marriage. For a little money, a little freedom, a little fun and a little lust, a husband-wife couple destroys the future of themselves and their future children. As much as possible, don’t let this poor demon enter your heart and home. If the situation is worse than bad, then the decision is yours.
This is one of the most disgusting and easiest ways to earn money. In which the world’s highest caste female caste, which has got the status of connecting the house, destroys the house and makes a successful man unsuccessful.
In this great misdeed, the family members of the woman and the neighbours help so much that you would not have thought even in your imagination.
When many people are being benefited from breaking a house, you cannot even imagine how much their family members and neighbours help a woman to get a divorce from a successful man.
My friends! In the event of divorce and separation, the biggest mental torture you face is that you could not handle your wife and knowingly or unknowingly you get the stain of impotent. I will call a woman inferior to the feminine element here. This deficiency can also occur in a woman.
To come out of this mental torture you couple “husband (some woman and innocent girl) and wife (man and innocent boy) take support.” If both of you are not in this condition, then I take back my words and will say only this, then you should not have got married at all. Married life is very precious. Your Work, Business, Kam (Sex) and other pleasures make married life complete.”
You don’t know which misdeeds you indulge in. You get indulged in heinous deeds like intoxication, and drinking. After indulging in misdeeds, you waste your body, mind, intellect and wealth. Your money starts being spent unnecessarily to repair the body indulged in misdeeds. This thing applies to both men and women.
During schooling and through many other means you read about AIDS as an epidemic and suddenly AIDS-like epidemic disappears from your mind. You apply the principle of protection as “safe and secure ” throughout life. Otherwise, both of you are super knowledgeable and have momentary solutions to everything, however, many far-reaching side effects emerge in future. A simple intoxicant (alcohol) not only affects your body, mind, intellect and wealth, but it also affects the body, mind and intellect of your future children. Just imagine, what will be the effect of uncontrolled non-sexual relations? Generally, in today’s era, treatment has been done for almost all diseases. But there is no cure for the physical pain, mental pain, time and money wasted in the treatment.
Come out of these petty things my friends. You respect each other. Take care of your dignity and health as much as possible.
The woman who has left you, you don’t even know to take some money from you, her family members and the neighbours around her give such freedom to your wife that you can’t even imagine.
This is a mental illness to get some money, in which by putting many kinds of stains on you, they hide your woman from you and give her all the freedom. You cannot even imagine that all your wife’s wishes including sex are fulfilled there. This is the same freedom that you also get. The only difference is that her society and law stand with your woman and only your business, name and success stand with you. When you fail to bring the woman. Your own society and family don’t say anything, they just watch the show. You are a successful person and belong to a prestigious family. You are surrounded by traditions and customs. You go on getting buried under this burden.
You live in a fantasy that when I can’t live without sex, my woman can’t either and you wait for your woman to come. You get tired of all the efforts of calling and persuading. This thinking of yours shows an open and mature ideology towards a woman. After this article, your in-laws and people with a low mentality will at least not call you impotent. Nor in the case of someone else’s divorce and separation. Who represses the suppressed desires of his sister. Many women become mentally helpless. From my point of view, I find only those people impotent, who do not know about the suppressed desire of a woman. Or have you put your wife in a situation where your wife and your in-laws are forced to seek divorce only? Here I would definitely ask both parties to think once for the safe future of each other and the safe future of the children. You are a human being, not an animal who gets into a relationship with anyone anywhere. Understand the purity of the body. What message are you giving to the society and to your children? If a woman is still leaving you, then a normal respectable woman-man, family and clan not leave each other. You stay cool. Be busy in building your work and future. It would be a natural state of mind in which you do not like to go to in-laws’ houses because of anger. In your in-law’s house or in the surrounding neighbourhood (who have gone through this situation) take advantage of this thing. Then the game of accusations and various types of symptoms begins. All these allegations and accusations of adultery and divorce are legal stakes. To deal with this legal dilemma, you secretly get involved in many misdeeds. In which only and only you and your children are physically, mentally and financially exploited. Keep listening carefully to all the allegations and symptoms. Just think that the allegations and slander are being imposed on you, the same allegations and slander are being imposed on your woman too. Don’t argue, you can get physical and mental trauma if the situation is out of control. The same situation can happen to your wife as well (if she is the right woman). Just as your attention gets distracted in the office or business due to mutual estrangement, you want to remain calm.
Similarly, your woman looks to her mother, brother and sister for the purpose of getting relief. She goes to her mother’s house. There is already estrangement going on between both of you. Taking advantage of this thing, the first brother-in-law will taste the fun. Distance increases by abuse. Only money is running in the mind of your in-laws. The story is made in some other way. As the result of wrong destiny, a woman becomes mentally helpless. This is very unbreakable love. Somebody goes crazy for somebody. However, there the situation becomes different. If your wife becomes mentally helpless there, then the family there blames the whole thing on you. They keep collecting evidence by provoking you again and again. You want to meet your wife, want to talk. You get threats from the family members there, first, get in writing from the police and then meet her. If you were capable, so why did your wife come to our house? You have a business, you have a job. You want to stay away from police, court and litigation. Her family knows this very well. All the ways of meeting and talking to you are closed. You don’t get to hear anything other than abuse. Your ability to think and understand is impaired.
In the second situation, your wife and the family there, after knowing all the tricks of divorce have imagined a handful of money post-divorce. A small business or job is the amount fixed by the month according to law for the upbringing of the child, which a father will give. They all have prepared the plan. Overall, your family has been erased. A successful person already has the biggest responsibility of getting progress in work.
“Competition and thinking to prove yourself to be the best in any workplace keeps you successful in both your work and work (Kam (sex). This sentence of mine is complete in itself.”
Now I talk about the feminine side. The woman is a sexual and beautiful element. She is very soft throughout her body and heart. Don’t do any intoxicants such as alcohol and drugs. You men are so fond of showing your masculinity, so don’t leave your hand and don’t hit her. One slap on that woman a soft thing can make her see the stars in the day. Don’t hit her. Give her love, freedom and respect. Unleash all your anger through your sex. A woman will see the stars in the same way. I say with a claim that your woman will either always be with you or will leave you forever. Because sexual relations are possible only with mutual coordination between husband and wife. Sex is the biggest yoga of this universe to keep the body and mind balanced. Otherwise do yoga.
Whether it is a woman or a man, at least after having a child, do not move towards an abominable act like divorce.
Knowingly or unknowingly, not only do you ruin your home, you even ruin the child’s life and future.
In the coming times, your children also follow the same steps on a small matter.
Moving a house together can be very simple and can also be a difficult austerity. In this coordination between men and women are very important. If the matter is on someone’s character, then I am silent. Things are above the limit, so I leave the decision to you. But as far as possible, don’t let a heinous act like divorce enter your heart and home.
My friends! do not ruin the life of any other woman or girl to prove your masculinity. Nor should a woman follow in this footsteps and ruin the life of another man and innocent boy. For me, a woman is a complete woman and a man is a complete man. Both are equal. Keep love with each other. Always stay away from such a low mentality.
What is a mental state at the time of divorce and separation? The one on whom it passes will completely agree with this. (If not then share your suggestion. I am ready to remove this article from the blog page.) After a few moments of separation, the first married man is accused, and then the man wanders (whereas a man from legal affairs Millions of efforts are made to persuade his wife to escape.) Similarly, after a few moments of separation, allegations are levelled against the woman, and then the married woman goes astray. This moment is looked upon by some other man or woman who has gone through these situations or who has full knowledge of these situations. Because this is the simplest and worst way to earn money by breaking the house. In this, your wife is shown dreams of millionaires and different types of dreams while sitting. And! As soon as a millionaire word add, the respect of the husband automatically decreases.
However, that married woman does not realize that the law is also demanding money from her husband. Here I raise the value of a husband a little, when you can give lakhs, then you will earn lakhs.
But it is a humble request to such couples, never let such a situation come. Knowingly-unknowingly, not only do you destroy your own house, you also destroy the house of your children.
Friends! After having a child, if your wife and the neighbourhood around you or the neighbourhood around you call you impotent, then I call such people mentally helpless. This is the arrow of accusation, in which your whole family gets trapped. In this way, they also slander your wife and your innocent children. This is that form of society which first creates distance, then taunts. What is the nature of this society? When your wife left, you were blamed for not being able to handle your wife. To get out of this tension, you started bringing women home, then you got the stain of debauchery and characterlessness. It is a natural state of mind in which you do not want to give anything to your woman. You know that part of the money from your divorce is going to those who have given your wife the knowledge of becoming a millionaire in a short time. Stay away from the thinking of such people and society. Those who neither do anything themselves nor let you do anything.
Having a child is the greatest happiness. Many are unable to have children.
If someone asks you where is your wife? You should clearly say that I was impotent in her eyes and completely get involved in building your life and future. You will get the answer to this from that person and the society. If they really respect a woman.
Focus on your work and make yourself successful. This is the lowest and last mentality to get divorced. In which efforts are made to show you are unsuccessful and mentally helpless from all sides. Women put the stigma of impotent on you because you are successful, you take the support of other women or innocent girls to show your masculinity to your wife. Despite all these antics, your wife does not give divorced quickly. Because in the mind of that woman, only your money and property go on. Whatever the misdeeds, you are doing. Your wife is also doing the same misdeeds. I will again repeat this sentence – “If both of you are not in this condition then I take back my words and say this much then you should not have married at all. Married life is very precious. Your Work, Business, Kam (Sex) ) and other pleasures make married life complete.”
Now you just think, know in this situation how many lives are spoiled unknowingly. If a woman and her neighbours put such stigmas after having a child, then you should put all the stigmas on the woman as well. These allegations and slander are for both men and women. This is one of the most disgusting and easiest ways to defame money, property, lust and any high family or any man or woman. All of them are looking at the momentary happiness of the present. remain ignorant of future consequences.
* Times have changed. Women are also becoming inferior to the feminine element. Or a woman can be very sensual as compared to a normal woman. This situation can also happen to a man. I consider both men and women are equal.*
The law looks at this situation only from the point of view of a divorce, but during the divorce, how many mental ill-effects do the allegations made on a man have? The law does not pay attention to this aspect at all. A successful man achieves wealth, name and success through his physical, mental and intellectual arts. A woman can take him away in one fell swoop. In this state of mind, men are men; they don’t know what misdeeds they do. Now even women are no less on the test of my logic.
My friends, a woman and a man will always be a man and a woman. You are educated, people. All these allegations and accusations of adultery and divorce are legal stakes. For a little money, a little freedom, a little fun and a little lust you ruin the life of (another woman or some innocent girl) and your woman (another man or innocent boy). The other woman, the innocent girl with whom you live and your wife live with another man or innocent boy, in the legal stakes of adultery and divorce. Another woman or innocent girl and a man or innocent boy do not give evidence because they are afraid of society and the law. That’s why I have called divorce a poor demonic. In this situation, a husband does not remain a normal man and a wife does not remain a normal woman. While the ultimate duty of both men and women is to protect the dignity and character of any other woman or anyone and to give them the right knowledge. Similarly, we have to give the right knowledge and upbringing to our children.
Along with you, you spoil the life of any other woman or innocent girl and your wife spoils any other man or innocent boy. You both men and women trap them in the dream of making them millionaires or some sensible person traps your woman. But that wise man forgets that for a time you were the husband of the woman whom he had trapped. Suddenly all the expenses of a man get stopped such as his wife’s expenses, and children’s school fees. He also sees a new life. Now he and his new dreams live. Both of you don’t want to divorce because you have a financial loss. Your husband does not give a divorce because he is facing financial loss, his name and success are spoiled. He becomes silent in the fire of anger. Your wife’s dream of becoming a millionaire breaks in a few moments. She also becomes silent in the fire of anger. In this infatuation, both men and women waste their lives and the lives of their children. It is better that both earn money together. When there is the curiosity to earn only this much money. Here I will give a little appreciation of the Hindu Act on Divorce in India. The law gives you a chance to understand each other for 2 to 3 years. The law also wants to settle your house at any cost. But you cheat the law. To show your importance and dignity by going against this act, you secretly spoil the life and time of another woman, or an innocent girl and another man or an innocent boy along with your own. If you still do not understand, then both of you are living in a dream. Many laws and sections are imposed after this time gap. Now you spend your whole life with a lawyer. otherwise! Build your life and future by being carefree.
You share my article with such family members. The one who doubts your masculinity calls you impotent after having a child or your wife is not able to handle it. These allegations are for both husband and wife. In my eyes both a woman and a man are equal. Come out of such petty talk. This is the arrow of accusation, in which your whole family gets trapped. In this way, that third person also slanders your wife and your innocent children. All these things are known after a period of time. When a sensible husband is telling these things ahead of time, then the third one does not allow your talk to go on because his aim is to provoke you to divorce and earn some money. Unfortunately, in those few moments, your wife is trapped in the dream of earning money every month for maintenance, becoming a millionaire and having children. That sensible husband senses this and does not divorce at all. For some time he remembers his children in his loneliness and cries. Then the same situations become a habit one day, then tears dry from the eyes. After some time there is a smile on the face. You and your business On the other hand, in the second situation, a woman’s life is going on with a handful of money and a few moments of happiness and children due to divorce. Some great people declare themselves as Sadhus and Sadhvis. Some great people also give divorce to save taxes (Treat this as an exception).
Friends! Before taking the decision of an abominable act like divorce, do look at your children. Your child follows you first. Your children answer all three of your love, feminine and masculine elements. If the situation is worse than bad, then the decision is yours.
Stay cool and keep busy building your future. New paths will start opening. This sentence of mine is for both men and women. But the condition is right here. Both should stay away from misdeeds. Either your child will pull you or the incomplete love or incomplete sex between you two will pull you. Otherwise, the matter is messed up. A gap of 2-3 years is enough to understand a relationship. An ordinary husband and wife cannot maintain distance in sexual relations for more than a week. By the way, this physical relationship is a mutual coordination between you two. This period can be stretched only at the time of having a child.
The golden opportunity for divorce and separation is when your wife is pregnant. You can neither shout nor express your anger. You are from a normal and prestigious family who is afraid of court cases and lawsuits. Your wife goes to her house, and whenever you want to talk to your wife, your wife just says, don’t disturb me. I do not want to have any kind of debate and block the phone. His brothers use abusive and bad words which you never heard before. They only say this with love, “If we don’t abuse you, then to whom else will we abuse ?” After all, you are my brother-in-law (Jija – Sister’s husband)
You do not understand that now your wife is pregnant. She doesn’t want any kind of worry. All the ways for you to talk and meet are closed.
Friends! The importance of wealth in husband and property becomes more in this situation. In which only your future child is made a pawn.
I will repeat this word, you should not leave your hand in a relationship and (don’t hit) on women, unless, your anger is through your sex. I know when a woman wants to separate from you. You will come from your workplace tired. You will ask for water, but you will not get water. You will ask for water again, she will ignore your words. The answer can also be this, are you watching or not, I am preparing food for you only. You quietly drink water by yourself. Then when it is time to eat, she will bring water, so that your stomach is full and you eat less. Now if you haven’t drunk water then I don’t have any respect. This is just a simple example. Your woman has to provoke you with any plans for domestic violence. (I am using these words and sentences in front of all women. For which I apologize with folded hands. But! Some women among you divine women are coming forward in a frightening form.) If your hands are not raised then you have to provoke in some way or the other so that you commit domestic violence. You have to be mentally and physically helpless. By some means or the other, she has to leave you so that when she left you, you were of no use. The same situation can also happen with a busy woman. However, you cannot ask for money from working women. You cannot divorce a woman directly.
Your wife has to get domestic violence and court cases done for just a little money. Your woman just has to create the root of the trouble. You respect the law. you can’t do anything In such a situation, you remain calm. The poor demon has entered your house. If your wife leaves home, then it is bad luck for both of you. As calm as you can be, you try to call her with love. If she does not come. Keep yourself calm. you work hard to make yourself more successful than before by ignoring the nonsense of society talks and your in-law’s side. New paths will start opening automatically. After some time you will find yourself free from all tension.
This article is only for those women and men who are going through divorce or separation. Just think! Your happy family, your innocent child and your happy life.
Considering women as a weak side, the law of divorce is made for their protection. In maximum cases, men are usually the culprits.
However, I have written this article, especially for the male class, who have a respectable position in society and are successful. When a woman wants to leave you, all her plans are just to make you helpless by causing physical, mental and financial harm in any way. So that when she gets a divorce. You were of no use. There cannot be an easier and cheaper way to become a millionaire while sitting. Knowingly or unknowingly, that woman sows the same seed in her future children as well.
Well, I have tried to throw light on every aspect of divorce and separation. I have tried to write this article on a practical basis and share my thoughts. In this article, I have also included the personal views of some divorced men and women and the circumstances that created the divorce. After reading all these situations and thoughts, someone’s house is resettled and everyone will look at divorce from the point of view of an abominable act, then I will consider that my article has been successful. I heartily welcome your suggestions, feedback, comments and reactions. If the heart of any man-woman, or husband-wife has been hurt, then I am always ready to remove this blog post.
Friends! Before taking the decision to an abominable act like divorce, do not keep in mind the few pleasures of the present and think about the long-term consequences of the future and the future of the children. Your happy family, your innocent child and a happy life.
Sometimes distance is also necessary, to understand each other’s situation.
The Distance should not be so much that the situation changes.
Consider the word poor demonic as just a word, it has nothing to do with any woman. Between you husband and wife, a third poor demonic has entered the house in the form of a woman and a man, whose aim is to ruin both of you to earn some money only. The way when there is progress in the house, then the arrival of Goddess Lakshmi (Means money and success come) is understood, in the same way, when the house is destroyed, then the demon enters the house. Generally, no woman or man tells the rift in their relationship directly to the lawyer. Your woman first meets a friend or her close relative. In this act of divorce, the woman has the upper hand from all sides. If you men tell the third man about the rift in your relationship, one day you find him also in favour of your wife. As I said, as compared to husband and wealth, wealth is the first and foremost goal in this situation, how much wealth do you have? and how much do you earn? Instead of filling the crack, it emerges. Your wife has been caught in the trap of getting a millionaire and some part of her husband’s salary every month in a short time. This momentary pleasure of the present brings many side effects for both of you and your children in the future. As I have described above. Knowingly or unknowingly, your children also follow these wrong paths.
Friends! Before taking the decision of an abominable act like divorce, do look at your children. Your child follows you first. Your children answer all three of your love, feminine and masculine elements. If the situation is worse than bad, then the decision is yours.
Once again I will repeat and write this, be cool and be busy in building your future. New paths will start opening. This sentence of mine is for both men and women. But the condition is right here. Both should stay away from misdeeds. Either your child will pull you or the incomplete love or incomplete sex between you two will pull you. Otherwise, the matter is messed up. A gap of 2-3 years is enough to understand a relationship. An ordinary husband and wife cannot maintain distance in sexual relations for more than a week. By the way, this physical relationship is a mutual coordination between you two. This period can be stretched only at the time of having a child. As much as possible, do not let this poor demonic word enter your heart and home.
My eyes are also looking for that wise Pandit who has coined a new word for Goddess Lakshmi (goddess of wealth) “Alakshmi” (which means Poverty, Daradri (Dalidri) or Demonic) to earn money and if this does not work then Goddess Lakshmi Gave 10 incarnations and 10 new names. That knowledgeable Pandit thought, how is God? He sends his wife to someone’s house. I will write the word Rakshasi, Demonic and Dalidri. Goddess Lakshmi is Goddess Lakshmi. She is the goddess of wealth and success. If she has to be pleased with you, then she will be pleased with only one name. You just do your work with determination. You will get both success and wealth. Otherwise, according to Pandits, Islam and other religions would never get wealth and success and people who follow these religions would remain poor forever.
Special Tip: For the sensible, successful family, trace at least 3 and a maximum of 7 generations before deciding on a sacred rite like marriage in any family. No one should be found drinking or intoxicating in it, nor should anyone be a divorcee (because he is aware of all the tricks of divorce). Similarly, alcohol increases the capacity and intensity of sex for a few moments. But after a gap, it deactivates your body. This can also affect your future children. Dowry is a gift given voluntarily for the happiness of the daughter. However, I strongly condemn the demand for dowry. If a successful educated man or his parents ask for dowry, then in my view there is no one more educated and poor than them in this world. When a father marries a successful daughter and she still has to pay a dowry. So to compensate for this, he is forced to take a dowry even in his son’s marriage.
This is my first article, in which I have also included the personal views and personal opinions of some divorced men and women. First of all, I would like to thank them from the bottom of my heart who showed their faith in me. Otherwise, this article of mine would never have been complete. I fully assure them that their names are confidential and safe with us forever. Through this article, how far can the level of mental thinking of a man and a woman go in the face of divorce and separation? What can be the attitude of the society towards you?
And! What could be its side effects? I tried to throw light on all those subjects. Overall, divorce is a highly abominable act. As far as possible, do not allow the poor demonic form of divorce to enter your heart and home. Give utmost love and importance to your family and children. If the situation is worse than bad, then the decision is yours. Before taking any decision, I would definitely ask both parties to think once for the safe future of each other and the safe future of the children.
PAY AT YOUR COMFORT. THE CHOICE IS YOURS!
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